पत्रकार महापंचायत का ग्वालियर में भव्य आयोजन संपन्न — पत्रकार हितों के लिए उठीं 11 ठोस मांगें
“हर पत्रकार के सुख-दुख में साथ रहेगा प्रेस क्लब” — प्रदीप तोमर
“पत्रकार हितों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं” — रविन्द्र सिंह पवैया
ग्वालियर/बैतूल।
ग्वालियर शहर में पत्रकारों के हक, सुरक्षा और समस्याओं को लेकर प्रेस क्लब ग्वालियर और प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के संयुक्त तत्वावधान में बाल भवन स्थित ऑडिटोरियम में भव्य पत्रकार महापंचायत का आयोजन किया गया। इस महापंचायत में प्रदेशभर से सैकड़ों पत्रकारों ने भाग लेकर एकजुटता का परिचय दिया और सरकार से पत्रकारों की बेहतरी के लिए 11 सूत्रीय मांगें रखीं।
✦ संघर्ष का ऐलान, समर्थन का संकल्प
महापंचायत की अध्यक्षता करते हुए ग्वालियर प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रदीप तोमर ने कहा कि “ग्वालियर-चंबल अंचल का कोई भी पत्रकार अगर किसी भी समस्या में फँसता है तो प्रेस क्लब उसके साथ खड़ा रहेगा। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की तर्ज पर हम हर पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए तत्पर हैं।”
वहीं, संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र सिंह पवैया ने प्रशासन को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा, “पत्रकारों पर झूठे मुकदमे दर्ज करना बंद करें अन्यथा हम सड़कों पर उतरकर व्यापक विरोध करेंगे। जब बारिश, बाढ़ और दंगों में पत्रकार सबसे आगे होते हैं, तब उनके हितों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।”
✦ विधिक समर्थन भी मिला पत्रकारों को
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता संकल्प गोस्वामी और मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजकुमार जोशी ने पत्रकारों को पूर्ण कानूनी सहयोग देने की घोषणा करते हुए कहा कि “अगर किसी पत्रकार पर कोई झूठा केस किया जाता है, तो हम उसका निःशुल्क मुकदमा लड़ने के लिए तैयार हैं।”
✦ ज्ञापन में 11 ठोस मांगें, सीएम को सौंपा गया ज्ञापन
महापंचायत के अंत में 11 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया। इसमें पत्रकारों की सुरक्षा से लेकर अधिमान्यता प्रक्रिया तक अनेक मुद्दों को शामिल किया गया है:
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पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए।
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समाचार पत्रों को केवल भोपाल नहीं, पूरे संभागीय कार्यालयों में जमा करने की व्यवस्था हो।
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पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमों की निष्पक्ष जांच हो और दोषमुक्त किया जाए।
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सभी शासकीय अस्पतालों में पत्रकार वार्ड की स्थापना हो।
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जनसंपर्क विभाग द्वारा गठित पत्रकार कमेटी में पारदर्शिता और चुनाव प्रणाली लागू हो।
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पत्रकार की मृत्यु होने पर शासकीय नौकरी और ₹5 लाख की आर्थिक सहायता परिवार को दी जाए।
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10 वर्ष पुराने अखबारों को डीपीआर में स्वतः शामिल किया जाए।
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सरकारी प्रेस वार्ताओं के लिए पास की व्यवस्था जनसंपर्क अधिकारी द्वारा की जाए।
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भोपाल की तर्ज पर ग्वालियर में प्रेस कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाए।
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अधिमान्यता की प्रक्रिया को सरल किया जाए।
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10 साल से सक्रिय पत्रकारों को स्वतः अधिमान्यता दी जाए।
✦ पत्रकारों ने साझा कीं जमीनी चुनौतियाँ
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों से पधारे पत्रकारों ने मंच पर अपनी स्थानीय समस्याएं साझा कीं। बैतूल जिला ब्यूरो प्रमुख श्री देवीनाथ लोखंडे सहित कई वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि कैसे फील्ड में पत्रकारिता करना दिन-ब-दिन जोखिम भरा होता जा रहा है।
✦ सम्मान और संवाद का कार्यक्रम
महापंचायत के मध्य में वरिष्ठ पत्रकारों एवं विशिष्ट अतिथियों का सम्मान किया गया। संवाद, सुझाव और भविष्य की रणनीति पर खुलकर मंथन हुआ।
📌 निष्कर्ष
इस पत्रकार महापंचायत ने न सिर्फ पत्रकारों की समस्याओं को उजागर किया, बल्कि एक मजबूत संदेश दिया कि अब पत्रकार अपने हक के लिए संगठित हैं और किसी भी अत्याचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
🖋️ रिपोर्ट: देवीनाथ लोखंडे
📰 ब्यूरो प्रमुख, बैतूल

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