गांव-गांव डिजिटल क्रांति: यूपी की 22,700 ग्राम पंचायतों में बनेंगी हाई-टेक डिजिटल लाइब्रेरी
📍लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गांवों में शिक्षा को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी मिल चुकी है। पहले चरण में प्रदेश की 22,700 ग्राम पंचायतों में डिजिटल लाइब्रेरी खोली जाएगी, जिसके बाद यह पहल पूरे राज्य की हर ग्राम पंचायत तक फैलाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
📌 क्या है योजना और क्यों है खास?
इस योजना का उद्देश्य गांव के छात्रों को डिजिटल शिक्षा से जोड़ना और आधुनिक संसाधनों तक उनकी पहुंच आसान बनाना है। अब गांवों में रहने वाले बच्चे भी ई-बुक्स, डिजिटल कंटेंट, ऑडियो-वीडियो लेक्चर्स, प्रश्नोत्तरी और अन्य शैक्षिक संसाधनों का लाभ उठा सकेंगे। इस पहल से ग्रामीण छात्रों की सीखने की प्रक्रिया अधिक प्रभावी और रोचक बनेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “गांवों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी। इससे गांवों में रहने वाले विद्यार्थियों को किताबों और डिजिटल संसाधनों तक बेहतर पहुंच मिलेगी, जिससे उनकी शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आएगा।”
📚 डिजिटल लाइब्रेरी में क्या-क्या मिलेगा?
योगी सरकार इस योजना पर 4 लाख रुपये प्रति डिजिटल लाइब्रेरी खर्च करेगी। इस बजट का उपयोग निम्नलिखित सुविधाओं के लिए किया जाएगा—
✅ 2 लाख रुपये से डिजिटल उपकरणों की खरीद
- कंप्यूटर
- प्रिंटर
- हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधा
- प्रोजेक्टर और अन्य स्मार्ट टूल्स
✅ 2 लाख रुपये से डिजिटल व हार्डकॉपी किताबों की उपलब्धता
- पाठ्य पुस्तकों की डिजिटल व प्रिंटेड कॉपी
- प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबें
- विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, भाषा और अन्य विषयों पर अध्ययन सामग्री
- छात्रों के लिए ऑडियो-वीडियो लेक्चर और प्रश्नोत्तरी
✅ ऑनलाइन पढ़ाई और रिसर्च कार्यों के लिए हाई-स्पीड इंटरनेट
✅ ऑडियो-विजुअल टूल्स के जरिए रोचक और इंटरएक्टिव लर्निंग
✅ ई-लाइब्रेरी मैनेजमेंट सिस्टम, जिससे छात्र अपनी पसंदीदा किताबें और अध्ययन सामग्री आसानी से एक्सेस कर सकेंगे
📌 कौन करेगा मॉनिटरिंग और कैसे होगा प्रबंधन?
इस योजना का संचालन और मॉनीटरिंग ग्राम पंचायत स्तर पर प्रधान और सचिव के जिम्मे होगी। डिजिटल लाइब्रेरी की देखरेख के लिए पंचायत स्तर पर सहायक अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी, जो—
✔ लाइब्रेरी के रखरखाव और उपयोग की निगरानी करेंगे
✔ छात्रों को उपलब्ध संसाधनों का सही उपयोग करने में सहायता करेंगे
✔ डिजिटल उपकरणों की सुरक्षा और तकनीकी प्रबंधन देखेंगे
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि डिजिटल लाइब्रेरी सुचारू रूप से कार्य करे और छात्रों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।
🎯 डिजिटल इंडिया की दिशा में ऐतिहासिक पहल
यह योजना डिजिटल इंडिया मिशन को भी मजबूती प्रदान करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र अब डिजिटल साधनों का इस्तेमाल कर शहरी शिक्षा व्यवस्था की बराबरी कर सकेंगे। इससे न केवल उनकी शैक्षिक योग्यता में सुधार होगा, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी आसान हो जाएगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना गांवों में डिजिटल क्रांति लाने का काम करेगी और इससे ग्रामीण छात्रों की तकनीकी समझ और ज्ञान में बढ़ोतरी होगी।
📌 गांवों में शिक्षा को मिलेगा बड़ा बढ़ावा
- अब गांवों के छात्रों को बेहतर डिजिटल संसाधन मिलेंगे।
- बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई और डिजिटल स्किल्स सीखने का मौका मिलेगा।
- शहरों के स्कूलों की तरह अब ग्रामीण छात्रों को भी टेक्नोलॉजी का लाभ मिलेगा।
🚀 कब तक होगी योजना लागू?
योगी सरकार ने इस योजना को तेजी से लागू करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में 22,700 ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी बनाई जाएगी, इसके बाद बाकी पंचायतों में भी इस योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
📢 गांवों में शिक्षा का नया युग!
योगी सरकार की यह पहल गांवों के बच्चों को डिजिटल युग से जोड़ने का एक ऐतिहासिक प्रयास है। डिजिटल लाइब्रेरी से गांवों के छात्रों को भी बेहतर अध्ययन सामग्री, डिजिटल सुविधाएं और टेक्नोलॉजी से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे।
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