ग्राम सभा पिपरगंवा का सफाई कर्मी आठ महीने से लापता, ग्राम प्रधान आशा देवी ने जताई चिंता
ब्यूरो रिपोर्ट – बांदा
बांदा जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा पिपरगंवा में स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। गांव की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि हर गली और मोहल्ले में गंदगी का अंबार लगा है, नालियां चोक हैं, और सड़कों पर कीचड़ फैल चुका है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि ग्राम सभा में तैनात सफाई कर्मी पिछले आठ महीनों से लापता है। इस संबंध में ग्राम प्रधान आशा देवी ने कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
सफाई कर्मी गायब, गांव की हालत बेहाल
ग्राम प्रधान आशा देवी का कहना है कि बीते आठ महीनों से गांव में सफाई कर्मी दिखाई नहीं दिया है। अब जबकि बरसात का मौसम शुरू हो चुका है, ऐसे में गांव की नालियां पूरी तरह चोक हो चुकी हैं। नालियों से पानी का बहाव रुक गया है, और यह पानी सड़कों और गलियों में फैल गया है। इस स्थिति में बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है। ग्राम प्रधान ने कहा, “कई बार हमने ब्लॉक तिंदवारी में लिखित और मौखिक शिकायत की, लेकिन न तो कोई जवाब मिला और न ही कोई अधिकारी जांच के लिए आया।”
“कागजों में ही सीमित है सफाई कर्मी” – सदस्य बलबीर सिंह
ग्राम सभा के सदस्य बलबीर सिंह ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब हर ग्राम सभा में ब्लॉक स्तर से एक सफाई कर्मी तैनात किया जाता है, तो फिर पिपरगंवा जैसी ग्राम सभाओं में यह व्यवस्था सिर्फ कागजों में ही क्यों सीमित रह गई है? उन्होंने आरोप लगाया कि सफाई कर्मी को तैनात तो कर दिया गया, लेकिन वह कभी ड्यूटी पर नहीं आया।
मइयादीन यादव बोले – “स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त”
ग्राम सभा के वरिष्ठ सदस्य मइयादीन यादव ने बताया कि सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। गलियों में कीचड़, मच्छरों का प्रकोप, गंदगी और दुर्गंध से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही की वजह से गांव में मलेरिया, डेंगू, त्वचा रोग और पेट की बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है।
स्वच्छ भारत मिशन की जमीनी हकीकत
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत मिशन देशभर में सराहा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ग्राम सभा पिपरगंवा जैसे गांवों में इसकी जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत नजर आती है। प्रधानमंत्री ने हर गांव और हर गली को स्वच्छ और रोगमुक्त बनाने का सपना देखा है, लेकिन जब सफाई कर्मी ही नदारद हो और अधिकारियों के कान पर जूं तक न रेंग रही हो, तो यह मिशन केवल प्रचार तक ही सीमित रह जाता है।
जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
ग्राम प्रधान आशा देवी और अन्य सदस्यों का कहना है कि ब्लॉक तिंदवारी के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से उदासीन हैं। बार-बार शिकायत करने के बावजूद उन्होंने कोई जांच नहीं करवाई, न ही सफाई कर्मी की गैरहाजिरी पर कोई कार्रवाई की गई। इससे साफ है कि या तो विभागीय मिलीभगत है, या फिर लापरवाही चरम पर है।
ग्रामीणों की नाराजगी और आंदोलन की चेतावनी
गांव के आम नागरिकों में भी इस लापरवाही को लेकर गहरी नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही सफाई व्यवस्था बहाल नहीं की गई और नया सफाई कर्मी तैनात नहीं हुआ, तो वे ब्लॉक मुख्यालय का घेराव करेंगे। ग्रामीणों ने साफ कहा कि बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है, बीमारियां घर-घर पहुंच रही हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
क्या होगी कार्रवाई?
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर समस्या को लेकर क्या कदम उठाता है। क्या ग्राम सभा पिपरगंवा में नया सफाई कर्मी तैनात किया जाएगा? क्या विभागीय स्तर पर जांच कर पुराने कर्मी के खिलाफ कार्रवाई होगी?
यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे एक सफाई कर्मी की गैरहाजिरी पूरा गांव बीमारियों की चपेट में ला सकती है। स्वच्छ भारत का सपना तब तक अधूरा रहेगा जब तक गांव-गांव में सफाई कर्मियों की जवाबदेही तय नहीं होती।
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