
उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनावों में कांग्रेस पार्टी शामिल नहीं थी, पर पर्यवेक्षक उसके भविष्य को लेकर बेचैन हैं. क्या होने वाला है इस पार्टी का? अनिच्छा से वह इस चुनाव से बाहर रही, पर ‘इंडिया’ गठबंधन की भागीदार होते हुए भी उसके बड़े नेताओं ने इस चुनाव में भाग नहीं लिया. समाजवादी पार्टी की धुलाई के बाद कांग्रेस के पास भविष्य में या अकेले चुनाव लड़ने का विकल्प है या राज्य में ‘इंडिया’ गठबंधन को नए सिरे से खड़ा करने की चुनौती. कांग्रेस के लिए ये परिणाम भविष्य की राजनीति के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं. इस साल लोकसभा के चुनावों में सफलता पाने के बाद उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का आत्मविश्वास बहुत ज्यादा बढ़ गया था, जिसकी वजह से कांग्रेस पार्टी उसकी पिछलग्गू नजर आने लगी. इन परिणामों ने न केवल सपा की हवा निकाली है, साथ ही कांग्रेस को सपा के बंधन से मुक्त कर दिया. अब यह कांग्रेस पर निर्भर करेगा कि वह भविष्य में किस राह पर जाती है.

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