August 2, 2025

AajtakLive24/BreakingNews/HindiNews/TodayNews/LatestNews/

Aajtaklive24, Aajtak, Hindi News, Hindi Samacha, Breaking News, r

काला मोतिया: समय पर पहचान नहीं तो खो सकती है रोशनी!

काला मोतिया: समय पर पहचान नहीं तो खो सकती है रोशनी!

लखीमपुर खीरी। आंखों की रोशनी छीन लेने वाली गंभीर बीमारी काला मोतिया (ग्लूकोमा) से बचाव के लिए जिला चिकित्सालय मोतीपुर ओयल में विश्व ग्लूकोमा सप्ताह मनाया गया। इस दौरान 40 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों की नेत्र जांच की गई, जिसमें नेत्र सर्जन डॉ. पूनम वर्मा और डॉ. अक्षत मिश्रा ने अहम भूमिका निभाई।

सीएमएस डॉ. आरके कोहली ने बताया कि इस सप्ताह को मनाने का उद्देश्य लोगों को काला मोतिया के प्रति जागरूक करना है, क्योंकि यह बीमारी धीरे-धीरे आंखों की रोशनी खत्म कर देती है। पहले दिन अस्पताल में पहुंचे मरीजों की नेत्र जांच की गई, दवाएं दी गईं और जरूरतमंद मरीजों को सर्जरी की सलाह दी गई

किन्हें है ज्यादा खतरा?

नेत्र सर्जन डॉ. पूनम वर्मा के अनुसार, काला मोतिया दुनियाभर में अंधत्व का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। खासतौर पर 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हर 3 साल में आंखों की जांच करानी चाहिए। इसके अलावा, जिनके परिवार में पहले किसी को ग्लूकोमा हुआ हो, जिन्हें निकट या दूर दृष्टि दोष हो, माइग्रेन, हाई या लो ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मायोपिया या आंखों में चोट लगी हो, उन्हें यह बीमारी होने का अधिक खतरा रहता है।

समय पर जांच है बचाव का उपाय

डॉ. वर्मा ने बताया कि ग्लूकोमा का सही समय पर पता चल जाए, तो इसे रोका जा सकता है और इलाज संभव है। इस अवसर पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरपी वर्मा, डेंटल सर्जन डॉ. इंद्रेश राजावत, ऑप्टोमेट्रिस्ट प्रीति श्रीवास्तव समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी मौजूद रहे।

ध्यान रखें: अगर आपकी आंखों में दबाव महसूस हो, धुंधला दिखे या सिरदर्द बना रहता हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इलाज से आपकी रोशनी बचाई जा सकती है!

Share करें