October 19, 2025

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डेंगू–मलेरिया से बचाव को जरूरी है जागरूकता, स्वास्थ्य विभाग चला रहा विशेष अभियान

डेंगू–मलेरिया से बचाव को जरूरी है जागरूकता, स्वास्थ्य विभाग चला रहा विशेष अभियान

लखीमपुर खीरी।
मानसून के मौसम में डेंगू, मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोगों का खतरा तेजी से बढ़ जाता है। हाल के दिनों में जिले में तापमान में उतार-चढ़ाव और लगातार हो रही बरसात के कारण मच्छरों की संख्या में इजाफा हुआ है, जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस, एईएस/जेई जैसे रोगों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष गुप्ता के निर्देशन में जिलेभर में विशेष जागरूकता एवं रोकथाम अभियान शुरू किया है।

48 घंटे में की जा रही निरोधात्मक कार्रवाई

सीएमओ के निर्देश पर जिला मलेरिया अधिकारी के पर्यवेक्षण में गठित सात सदस्यीय विशेष टीम लगातार फील्ड पर सक्रिय है। किसी भी संदिग्ध रोगी की सूचना मिलते ही टीम 48 घंटे के भीतर मौके पर पहुंचकर निरोधात्मक कार्रवाई कर रही है।
इन कार्रवाइयों में एंटोमोलॉजिकल सर्विलांस, सोर्स रिडक्शन, एंटीलार्वा स्प्रे, इंडोर स्प्रे, फीवर ट्रैकिंग और फॉगिंग शामिल है। इसके साथ ही गांव–गांव और मोहल्लों में पोस्टर व लीफलेट्स बांटकर जनजागरूकता की जा रही है ताकि लोग स्वयं भी सावधानी बरतें।

मच्छर नियंत्रण ही सबसे बड़ा बचाव

वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम में जनमानस की भूमिका अहम है। अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ स्वास्थ्य विभाग की कोशिशों से इन रोगों पर काबू पाना संभव नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

मच्छर नियंत्रण के लिए लोगों से अपील की गई है कि वे अपने घरों और आसपास टायर, नारियल के खोल, गमले, टूटे बर्तनों आदि में पानी जमा न होने दें।
कूलर और फ्रिज की ट्रे को सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य साफ करें। ठहरे हुए पानी में जला हुआ मोबिल ऑयल डालें ताकि मच्छर न पनप सकें।
इसके अलावा विभाग ने सलाह दी है कि लोग पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और मच्छर भगाने वाली क्वायल या क्रीम का इस्तेमाल करें।

डेंगू के लक्षणों को पहचानना जरूरी

डेंगू के शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार जैसे लग सकते हैं, लेकिन लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है। इसके मुख्य लक्षण हैं –

  • तेज बुखार

  • तेज सिरदर्द

  • आंखें घुमाने पर दर्द

  • शरीर पर लाल चकत्ते

  • पीठ और जोड़ों में दर्द

  • मसूड़ों और नाक से खून आना (गंभीर स्थिति में)

डॉ. गुप्ता ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को ये लक्षण महसूस हों तो तुरंत प्रशिक्षित चिकित्सक से जांच और इलाज कराएं। समय पर पहचान और इलाज से मरीज घर पर ही ठीक हो सकता है, लेकिन इलाज में देरी या अपने मन से दवाएं लेने पर हालत गंभीर हो सकती है।

दिन में काटता है डेंगू मच्छर

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है और दिन के समय काटता है। इसलिए बचाव के उपायों को गंभीरता से अपनाना बेहद जरूरी है।

जांच और इलाज की निःशुल्क सुविधा

डेंगू की जांच जिले के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय में निःशुल्क की जा रही है। इसके अलावा डेंगू मरीजों के लिए जिला चिकित्सालय में 10 और प्रत्येक सीएचसी पर 5 बेड आरक्षित किए गए हैं।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि अस्पतालों में डेंगू मरीजों के उपचार हेतु आवश्यक दवाओं और संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता है। इसलिए लोग घबराएं नहीं, बल्कि लक्षण दिखते ही नजदीकी अस्पताल जाकर जांच कराएं और चिकित्सक की सलाह पर पूरा उपचार लें।

जागरूकता ही है असली हथियार

स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव–गांव जाकर लोगों को बता रही है कि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों से बचने का सबसे आसान तरीका है साफ-सफाई और सतर्कता।
यदि लोग अपने घरों और आसपास मच्छरों को पनपने का मौका ही नहीं देंगे, तो इन रोगों का खतरा काफी हद तक कम हो जाएगा।

सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा – “वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से काम कर रहा है, लेकिन जब तक आम लोग सतर्क और जागरूक नहीं होंगे, तब तक खतरा बना रहेगा। हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को इस स्तर तक जागरूक करना है कि रोगों की रोकथाम पहले ही हो जाए।”

लखीमपुर खीरी जिले में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा यह अभियान एक सराहनीय कदम है। विभाग की ओर से निरंतर की जा रही फॉगिंग, एंटीलार्वा स्प्रे और जनजागरूकता कार्यक्रम निश्चित ही असर दिखाएंगे।
हालांकि, असली सफलता तभी मिलेगी जब आम नागरिक भी इस अभियान से जुड़कर अपने घर, मोहल्ले और गांव को मच्छर मुक्त बनाने में सहयोग करेंगे।

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