योगी सरकार के खीरी में जनसहभागिता की मिसाल, 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट बनीं बाढ़ पीड़ितों का संबल
लखीमपुर खीरी, 18 सितंबर।
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता,
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों।
यह पंक्तियां योगी सरकार की आपदा प्रबंधन नीति और लखीमपुर खीरी जिला प्रशासन की पहल पर पूरी तरह खरी उतरती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन और जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर यहां बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए एक अनूठी मुहिम शुरू की गई है। सरकारी राहत और मुआवजा सहायता के अतिरिक्त बाढ़ पीड़ितों को अब सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) स्पेशल किट भी उपलब्ध कराई जा रही है।
45 लाख की लागत से तैयार हुईं 5 हजार किट
जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी सोच से प्रेरित है। उनके मार्गदर्शन में जिला प्रशासन ने कॉर्पोरेट सेक्टर, उद्यमियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को साथ जोड़कर बाढ़ पीड़ितों के लिए 5 हजार सीएसआर स्पेशल किट तैयार कराई है। इन किटों की कुल लागत करीब 45 लाख रुपये है। प्रत्येक किट की कीमत लगभग 900 रुपये आती है।
इस प्रकार लखीमपुर खीरी प्रदेश का पहला जिला बन गया है, जहां बाढ़ प्रभावितों के लिए सीएसआर किट का वितरण किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी ऐसी किटें आपदा की घड़ी में वितरित की गई थीं।
किट में क्या-क्या है खास?
यह किट पीड़ितों की तात्कालिक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें –
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मच्छरदानी
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छाता
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बैटरी सहित टॉर्च
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दो पैकेट सेनेटरी पैड
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2 लीटर क्षमता का गर्म पानी का थर्मस
शामिल हैं। इन सामग्रियों का उद्देश्य न केवल बाढ़ प्रभावितों को तत्काल राहत देना है बल्कि उन्हें रोजमर्रा की परेशानियों से भी उबारना है।
निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों और वृद्धजनों को प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने बताया कि इन किटों को विशेष रूप से उन परिवारों तक पहुंचाने पर ध्यान दिया जा रहा है, जहां निराश्रित महिलाएं, दिव्यांगजन और 70 वर्ष से ऊपर के वृद्धजन रहते हैं। प्रशासनिक टीम ने बाढ़ प्रभावित पांचों तहसीलों – निघासन, धौरहरा, गोला गोकर्णनाथ, पलिया और सदर – में चिन्हित परिवारों को सूचीबद्ध किया है।
सामूहिक प्रयासों की मिसाल
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने गुरुवार को सदर तहसील में विधायक सदर योगेश वर्मा, विधायक श्रीनगर मंजू त्यागी, सीडीओ अभिषेक कुमार और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार सिंह के साथ स्वयं जरूरतमंदों को किट वितरित की।
इसके अलावा –
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पलिया तहसील में विधायक रोमी साहनी और एसडीएम डॉ. अवनीश कुमार,
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धौरहरा तहसील में विधायक विनोद शंकर अवस्थी, एडीएम (न्यायिक) अनिल रस्तोगी और एसडीएम शशिकांत मणि,
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गोला तहसील में एडीएम नरेंद्र बहादुर सिंह और एसडीएम युगांतर त्रिपाठी
ने सीएसआर किट वितरित कीं। यह दृश्य जनसहभागिता और प्रशासनिक सक्रियता का जीवंत उदाहरण था।
जरूरत पड़ने पर और किट भी बनेंगी
डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल 5 हजार किट वितरित की जा रही हैं, लेकिन यदि आवश्यकता हुई तो और भी स्पेशल किट तैयार कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में हर पीड़ित तक मदद पहुंचाना प्रशासन की जिम्मेदारी है और इस कार्य में समाज के विभिन्न वर्गों का सहयोग सराहनीय है।
सीएम योगी की संवेदनशील सोच
जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमेशा आपदा के समय पीड़ितों के साथ खड़े रहते हैं। वे न केवल वित्तीय सहायता और राहत किट उपलब्ध कराते हैं बल्कि व्यक्तिगत रूप से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात भी करते हैं। यही वजह है कि बाढ़ पीड़ितों को केवल सरकारी मदद ही नहीं बल्कि सम्मानजनक जीवन जीने के लिए जरूरी सहयोग भी मिल रहा है।
पीड़ितों के खिले चेहरे
किट पाकर बाढ़ प्रभावित परिवारों के चेहरे खिल उठे। महिलाओं ने कहा कि सेनेटरी पैड और थर्मस जैसी चीजें आमतौर पर राहत किट में नहीं मिलतीं, लेकिन यह उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाली महत्वपूर्ण सामग्री है। वहीं बुजुर्गों और दिव्यांगों ने कहा कि छाता और मच्छरदानी जैसी उपयोगी चीजें उन्हें राहत और सुरक्षा का अनुभव कराती हैं।
लखीमपुर खीरी में सीएसआर स्पेशल किट का वितरण केवल राहत कार्य नहीं बल्कि जनसहभागिता और प्रशासनिक दूरदर्शिता का अनूठा उदाहरण है। योगी सरकार के नेतृत्व में और जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की पहल पर कॉर्पोरेट जगत, उद्यमियों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने मिलकर यह साबित कर दिया कि आपदा में यदि समाज एकजुट हो जाए तो किसी भी पीड़ित को अकेला नहीं छोड़ा जा सकता।
यह पहल न केवल वर्तमान संकट से उबारने में मदद करेगी बल्कि भविष्य में आपदा प्रबंधन के लिए भी एक आदर्श मॉडल बनकर सामने आएगी।

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