नई दिल्ली/नोएडा: संयुक्त किसान मोर्चे के तहत अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गौतमबुद्ध नगर में कई दिनों तक पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार किया जिसके दौरान 136 किसानों को लुकसर जेल में भेजा गया है. वहीं अब सोशल मीडिया पर किसानों के जेल में भूख हड़ताल की खबर के बाद जेलर ने बताया कि जेल के अंदर सभी किसान खाना और नाश्ता नियमित रूप से ले रहे हैं. जेल में बंद किसानों द्वारा कोई भूख हड़ताल नहीं की गई है.
दरअसल, बुधवार रात करीब 11 बजे जीरो पॉइंट पर धरना स्थल पर सो रहे किसानों को पुलिस ने जबरन उठाकर पुलिस वैन से जेल भेज दिया. जिसके बाद रात करीब 1 बजे किसान नेता सुखबीर खलीफा व सोरन प्रधान सहित 34 किसान को भी जेल भेज दिया गया. जुमेरात की सुबह किसानों को जेल भेजे जाने के विरोध में सोशल मीडिया पर विरोध शुरू हो गया. दनकौर सहित अन्य देहात इलाकों से ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पहुंचने का अनुरोध किया गया.
बिना अनुमति के धरना करने पर हुई थी गिरफ्तारी:
इस दौरान पहले से अलर्ट पुलिस ने महिला सिपाहियों की मदद से महिला समेत 100 से अधिक किसानों को हिरासत में लेकर जेल पहुंचाया. हालांकि जेल पहुंचने के बाद पुलिस ने महिला किसानों को छोड़ दिया जबकि उनके साथ आए 42 पुरुष किसानों को जेल भेज दिया. सभी किसानों को लुकसर जेल के सामान्य बैरक में रखा गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिना अनुमति के धरना करने के लिए जीरो पॉइंट से दलित प्रेरणा स्थल की ओर निकले किसानों को गिरफ्तार किया गया है. कई दिनों तक किसानों को गिरफ्तार करने के बाद 136 किसानों को लुकसर जेल में रखा गया है, वही बुजुर्ग महिलाओं को छोड़ दिया गया है.
जेल में किसान भूख हड़ताल पर नहीं: गौतम बुद्ध नगर की लुकसर जेल के जेलर राजीव कुमार ने बताया कि किसान आंदोलन के चलते 136 किसानों को यहां पर रखा गया है. सभी किसानों को नियमित रूप से भोजन और नाश्ता दिया जा रहा है. जेल के अंदर मौजूद कोई भी किसान भूख हड़ताल पर नहीं है. जेल के अंदर किसानों का एक फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जहां पर सभी किसान खाना खाते हुए दिखाई दे रहे हैं.
किसान आंदोलन की प्रमुख मांगें:
गौतम बुद्ध नगर के किसान 10% आवासीय भूखंड और 64.7 प्रतिशत बढ़े हुए मुआवजे के साथ नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. इसके चलते किसानों ने कई सालों से धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी किया. बीते दिनों दस से अधिक किसान संगठनों ने संयुक्त किसान मोर्चे के बैनर तले 25 नवंबर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापंचायत करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इसके बाद किसानों ने यमुना प्राधिकरण कार्यालय के बाहर डेरा डाला और 2 दिसंबर को किसानों ने दिल्ली कूच की घोषणा की. नोएडा पुलिस ने उन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर रोक लिया, अधिकारियों से वार्ता के बाद किसानों को एक सप्ताह तक दलित प्रेरणा स्थल पर धरना प्रदर्शन जारी रखने को कहा गया.
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