November 8, 2025

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मनरेगा में बड़ा खेल! — गोंदलामऊ की बकछेवा और खेतवा रामपुर पंचायतों में ‘फोटो कॉपी घोटाला’ से खुली जिम्मेदारों की पोल

🔎 मनरेगा में बड़ा खेल! — गोंदलामऊ की बकछेवा और खेतवा रामपुर पंचायतों में ‘फोटो कॉपी घोटाला’ से खुली जिम्मेदारों की पोल

📍 रिपोर्ट : अजय सिंह, ब्यूरो चीफ — सीतापुर

सीतापुर। जनपद के विकासखंड गोंदलामऊ की दो ग्राम पंचायतें — बकछेवा और खेतवा रामपुर, इन दिनों मनरेगा घोटाले को लेकर सुर्खियों में हैं। दरअसल, मनरेगा पोर्टल पर अपलोड की गईं तस्वीरों ने पंचायत सचिवों और अधिकारियों की कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच में सामने आया है कि एक ही तस्वीर को अलग-अलग तारीखों और अलग-अलग मास्टर रोल पर बार-बार अपलोड किया गया, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि यहां “कागज़ी काम” ज़मीन से कहीं ज़्यादा तेज़ी से हुआ है।

🧱 बकछेवा पंचायत में ‘फोटो से फोटो’ का खेल

1 नवंबर 2025 को बकछेवा ग्राम पंचायत में विनोद के घर से तालाब तक ह्यूमन पाइप नाली एवं इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य के नाम पर 45 श्रमिकों को 5 मास्टर रोल (3585, 3586, 3587, 3588) में दर्ज किया गया।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन्हीं मास्टर रोल में एक जैसी तस्वीरें बार-बार अपलोड की गईं।
30, 31 अक्टूबर और 1 नवंबर की तस्वीरें मिलान करने पर एक जैसी पाई गईं — यानी पुरानी तस्वीरों को ही नए दिन के काम के नाम पर पोर्टल पर चढ़ाया गया

स्थानीय सूत्रों की मानें तो यह गड़बड़ी एक-दो दिन की नहीं बल्कि लगातार कई दिनों तक चलती रही, जिससे स्पष्ट है कि यह मात्र लापरवाही नहीं बल्कि संगठित फर्जीवाड़ा है।

🌾 खेतवा रामपुर पंचायत में भी वही कहानी

इसी तरह खेतवा रामपुर पंचायत में अवधेश के खेत से मीना के खेत तक मिट्टी पटाई और इंटरलॉकिंग की पटरी निर्माण कार्य दिखाया गया।
यहां 150 श्रमिकों को 17 मास्टर रोल में दर्ज किया गया, लेकिन जब पोर्टल की तस्वीरें देखी गईं तो 3514, 3515, 3516, 3517, 3518 सभी में वही पुरानी तस्वीरें अपलोड थीं।
दो दिन की जांच में ही मनरेगा स्कैम की सच्चाई बेपर्दा हो गई।

🤔 सवाल यह कि जिम्मेदार चुप क्यों?

ग्रामवासी और सामाजिक कार्यकर्ता पूछ रहे हैं —

“क्या जिम्मेदार अधिकारी निद्रा में हैं, या फिर जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं?”

जब यह मामला चाय की टपरियों और चौपालों में चर्चा का विषय बना, तो एक संगठन कार्यकर्ता ने साफ कहा —

“अगर जनता जागरूक होकर खड़ी हो जाए, तो इन भ्रष्टाचारियों की नींद उड़ जाएगी। संगठन के दरवाजे खुले हैं, बस आवाज उठाने की देर है।”

🧾 लोकपाल जांच की उठी मांग

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की लोकपाल स्तर से जांच कराई जाए ताकि भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सके।
लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन को तत्काल टीम गठित कर जांच के आदेश देने चाहिए ताकि “फोटो से फोटो” वाले इस खेल में शामिल जिम्मेदारों की पहचान हो सके।

गोंदलामऊ ब्लॉक की बकछेवा और खेतवा रामपुर पंचायतों में मनरेगा कार्यों की जो तस्वीरें पोर्टल पर हैं, वो खुद गवाही दे रही हैं कि यहाँ काम कम और फोटोकॉपी ज्यादा हुई है
अब सवाल यह है कि —

क्या प्रशासन इस खुलासे के बाद भी खामोश रहेगा या फिर भ्रष्टाचार की इस जड़ पर चोट करेगा?

🗣️ जनता कह रही है —
“लोकपाल जांच से ही उठेगा मनरेगा घोटाले से पर्दा!”

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