नशे की गिरफ्त में कसमसा रहा कस्बा सिंगाही
नशे के संलिप्त से लड़के हो रहे बर्बाद समय से नहीं लगा अंकुश, तो सैकड़ों की जिंदगियां हो जाएंगी तबाह
सिंगाही। कस्बा सिंगाही इन दिनों नशे की गिरफ्त में कसमसा रहा है। यहां गांजा, भांग, चरस, ताड़ी, और नशे की दवाएं और इंजेक्शन खुलेआम बिकते हैं, जिसपर किसी तरह की कोई रोकटोक नहीं है। कथित तौर पर पुलिस, आबकारी और स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से होने वाला नशे का यह कारोबार करोड़ों में पहुंच गया है। कार्रवाई के नाम पर संबंधित विभागों द्वारा सिर्फ खानापूरी की जाती है, जिसके परिणाम स्वरूप यहां की युवा पीढ़ी बरबाद हो रही है और अभिभावक परेशान हैं।
सूत्रो के मुताबिक रात्रि में घूमने वाले लड़के व पापा बैकरी में काम करने वाले सबसे ज्यादा ड्रग्स एडिक्ट बनते जा रहे हैं। शहर की दवा की दुकानों पर आसानी से उन्हें सस्ते दामों पर विभिन्न तरह की नशीली दवाइयां मिल जा रही है। इतना ही नहीं दवा दुकानदार अपने मुनाफे के लिए बेखौफ होकर युवाओं के बीच नशा बेच रहे हैं। सबसे चौकाने वाला तथ्य यह है कि सब कुछ जानते हुए भी जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंदे हुए है। आरोप है कि इस ओर से आंखें मूंदने की एवज में उसे नशे के कारोबारियों की ओर से मोटी रकम दी जाती है।
शहर में नशेड़ियों के अड्डे
कस्बा के मेला फील्ड, सिंगाही बसड्डा , पापा बैकरी,कस्बा मार्केट आदि जगहों पर ड्रग्स लेते युवाओं को शाम के समय आसानी से देखा जा सकता है। वैसे शहर के अंदर अब कई स्पॉट बन चुके हैं, जहां शाम ढलते ही युवा जमा होते हैं और नशीली दवाइयों का सेवन करते हैं।
यह हैं नशीली दवाइयां
कोरेक्स कफ सीरप, फोर्टविन व डाइजापाम इंजेक्शन, एटी भान, वेस्प्रेक्स,मेंड्रेक्स, अल्प्रेक्स, लोनाजेप, क्लोना जेपाम टेबलेट आदि नशीली दवाइयां यहां के बाजारों में बिना डॉक्टर के पर्चे के आसानी से उपलब्ध हैं। इन नशीली दवाइयों के अलावा ड्रग्स के रूप में सुलोशन, व्हाइटनर, आयोडेक्स, कोकिन, चरस, ब्राउनशुगर,अफीम आदि का भी यहां आसानी से मिल जाती है।
खबर सूत्र
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