तिलौसा ग्राम पंचायत में हैंड पाइप रिबोर के नाम पर भ्रष्टाचार का खुलासा
तिलौसा ग्राम पंचायत, कमासिन ब्लॉक, बांदा में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों ने आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत के सचिव धर्मेंद्र प्रजापति, प्रधान अंशू देवी, प्रधान प्रतिनिधि अभिलाख व विकास ने सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने हैंड पाइप रिबोर के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया है।
हैंड पाइप में समरसेबल डालकर हुए भ्रष्टाचार के आरोप
ग्राम पंचायत में कई हैंड पाइप खराब पड़े हुए थे, जिन्हें रिबोर दिखाकर पैसा निकाला गया। तिलौसा ग्राम पंचायत के बड़कू सिंह और पप्पू यादव के घरों के पास कई महीनों से खराब हैंड पाइप पड़े हुए हैं, जिनके रिबोर के नाम पर पैसे निकाल लिए गए हैं। नाथू यादव के घर के पास सरकारी हैंड पाइप में मोटर पड़ी हुई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा, प्रधान ने अपने चाहतों के दरवाजे पर सरकारी हैंड पंप में समरसेबल डलवाया है।
स्वच्छ भारत मिशन और शौचालयों की हालत भी दयनीय
ग्राम पंचायत में स्वच्छ भारत मिशन के तहत सामुदायिक शौचालय बनाए गए थे, लेकिन उनका रख-रखाव और सफाई व्यवस्था पूरी तरह से खराब है। ग्रामीणों का आरोप है कि शौचालयों में ताले लगे रहते हैं और लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। केयरटेकर के नाम पर भुगतान किया जा रहा है, लेकिन काम का कोई असर नहीं दिख रहा है। पंचायत भवन भी हमेशा बंद रहता है, जिससे लोगों को जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए ब्लॉक के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
गौशाला और अन्य भ्रष्टाचार के आरोप
पूर्व प्रधान अतुल सिंह और पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि गौशाला में 150 गोवंश बताए गए हैं, जबकि असल में 250 से अधिक गायें रखी जाती हैं। इस तरीके से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है और प्रधान, सचिव, और अन्य अधिकारी मिलकर इसे लूटने में शामिल हैं। इसके अलावा, ग्राम पंचायत में स्ट्रीट लाइट भी लगाई गई थी, जो अब खराब पड़ी हुई है।
प्रधान के प्रिय व्यक्तियों को मिलीं सरकारी योजनाओं का लाभ
ग्राम पंचायत के सदस्य बताते हैं कि प्रधान ने अपने प्रियजनों को सरकारी आवास और अन्य योजनाओं का लाभ दिया, जबकि असल जरूरतमंदों को योजनाओं से वंचित रखा गया। उदाहरण के तौर पर, प्रधान ने श्रवण कुमार राजपूत जैसे व्यक्ति को आवास दिया, जो अपात्र थे, जबकि गांव के झोपड़ी में रहने वाले व्यक्तियों को इस योजना से बाहर रखा गया।
केंद्र और जिला प्रशासन की जांच की घोषणा
इस घोटाले की जानकारी जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) राजेंद्र प्रसाद और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) वेद प्रकाश मौर्य को दी गई। डीपीआरओ ने बताया कि मामले की जांच एडीओ पंचायत द्वारा कराई जाएगी। वहीं, सीडीओ ने कहा कि किसी ने अभी तक लिखित शिकायत नहीं की है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि जिन कमियों की जानकारी दी गई है, उन पर जांच कराई जाएगी।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर भ्रष्टाचार की जांच की जाती है, तो तिलौसा ग्राम पंचायत के नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
रिपोर्टिंग : संतोष त्रिपाठी (बाँदा)
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