गेहूं खरीद पर प्रशासन का फोकस: डीएम के निर्देश पर तहसीलों में मंथन, किसान हितों को मिली प्राथमिकता
लखीमपुर खीरी | 11 अप्रैल
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीद सत्र 2025 को सुचारु और पारदर्शी बनाने की दिशा में जिला प्रशासन ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निर्देश पर जिले की सभी तहसीलों में व्यापक समीक्षा बैठकों के साथ-साथ क्रय केंद्रों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण तेज़ी से शुरू हो चुका है।
तहसील स्तर पर संवाद और समीक्षा बैठकें आयोजित
शुक्रवार को जिले की सभी तहसीलों में उप जिलाधिकारियों (SDM) की अध्यक्षता में संयुक्त बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें लेखपालों, क्रय केंद्र प्रभारियों व किसानों की भागीदारी रही। बैठकों में गेहूं खरीद नीति की जानकारी साझा करते हुए किसानों की समस्याओं को तत्काल सुलझाने पर जोर दिया गया।
क्रय केंद्रों का निरीक्षण, मूलभूत सुविधाओं पर ज़ोर
अधिकारियों ने मंडियों में स्थापित गेहूं क्रय केंद्रों का निरीक्षण करते हुए वहां की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। तोल मशीनों की सटीकता, छाया, पेयजल, बैठने की सुविधा जैसे बिंदुओं पर विशेष ध्यान देते हुए सुधारात्मक निर्देश दिए गए।
लेखपाल निभाएंगे किसान मित्र की भूमिका
तहसील स्तरीय बैठकों में एसडीएम ने कहा कि प्रत्येक किसान को यह महसूस होना चाहिए कि प्रशासन उसके साथ खड़ा है। इसके तहत लेखपाल गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद करेंगे, उन्हें खरीद प्रक्रिया की जानकारी देंगे, कागज़ी कार्यवाही में मदद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी किसान एमएसपी से वंचित न रहे।
डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल का स्पष्ट संदेश
जिलाधिकारी ने कहा:
“हमारा उद्देश्य है कि जिले का हर किसान अपने गेहूं का उचित मूल्य प्राप्त करे। किसी को भी अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े। लेखपालों की भूमिका अब केवल दस्तावेज़ी नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और सहायक की होगी।”
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसानों को पंजीकरण, भू-अभिलेख सत्यापन और केंद्रों तक पहुंचने में हरसंभव सहायता मिले।

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