ग्रामोदय इंटरनेशनल स्कूल में बैसाखी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया
📍 मऊरानीपुर, झांसी से रिपोर्ट: जगदीश पत्रकार
मऊरानीपुर (झांसी)।
ग्रामोदय इंटरनेशनल स्कूल के सभागार में बैसाखी पर्व का आयोजन धूमधाम और पारंपरिक उल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के प्रिंसिपल श्री विष्णु पाराशर द्वारा दीप प्रज्वलन कर की गई। उन्होंने छात्रों को बैसाखी पर्व के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराया।
प्रिंसिपल श्री पाराशर ने बताया कि बैसाखी न केवल फसल कटाई का त्योहार है, बल्कि यह सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा 1699 में खालसा पंथ की स्थापना का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह पर्व मेष संक्रांति के दिन आता है, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है। इसी कारण यह दिन धन, समृद्धि और नए आरंभ का प्रतीक माना जाता है।
कार्यक्रम के दौरान वाइस प्रिंसिपल मिसेज नीलोफर ने भी बच्चों को पर्व का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना कर सिख समुदाय को अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने यह भी कहा कि बैसाखी का पर्व साहस, बलिदान और मानवता की सेवा की भावना को दर्शाता है।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। भांगड़ा, गीत, कविता और सांस्कृतिक झांकियों ने सभी का मन मोह लिया। छात्र-छात्राओं के साथ विद्यालय की शिक्षिकाएं—भारती सचदेवा, गीतांजलि, कीर्ति भारती गुप्ता, पूजा ठाकुर, रुचि साहू, मुस्कान सिंह, पारस, अंजू यादव, अंजली, प्रिंसी और अनुराधा—भी इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं।
बैसाखी पर्व के इस आयोजन ने न सिर्फ छात्रों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का काम किया, बल्कि उन्हें धार्मिक सहिष्णुता, ऐतिहासिक चेतना और सामाजिक एकता का संदेश भी दिया।
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