October 21, 2025

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एकलव्य विद्यालय का एसडीएम ने किया औचक निरीक्षण

एकलव्य विद्यालय का एसडीएम ने किया औचक निरीक्षण

छात्रावासों की बदहाल स्थिति उजागर, भोजन व स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही

बैतूल। चिचोली विकासखंड के जोगली स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय में गुरुवार को अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) अभिजीत सिंह ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में विद्यालय परिसर की साफ-सफाई और कुछ व्यवस्थाएँ संतोषजनक पाई गईं, लेकिन छात्रावासों की स्थिति बेहद दयनीय और लापरवाह मिली। इस दौरान कई गंभीर खामियाँ उजागर हुईं, जिनसे छात्रों के स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

निरीक्षण दल में एसडीएम के साथ विकासखंड स्त्रोत समन्वयक नीरज गलफट, कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य और दो वरिष्ठ महिला शिक्षक शामिल रहे।


शौचालय और बाथरूम की दयनीय हालत

निरीक्षण के दौरान छात्रावासों के शौचालयों और बाथरूमों की स्थिति बेहद खराब पाई गई। जगह-जगह गंदगी का अंबार था, कई दरवाजे टूटे हुए थे और नल व पाइपलाइनें जर्जर हो चुकी थीं। छात्रों को स्वच्छता की बुनियादी सुविधा तक उपलब्ध नहीं थी।

इसके अलावा, छात्रावास की खिड़कियों में मच्छर जालियां नहीं लगी थीं, जिसके कारण कमरों में मच्छरों का जमावड़ा था। छात्रों ने बताया कि रात को मच्छरों और अन्य कीड़े-मकोड़ों से नींद हराम रहती है।


स्वास्थ्य सेवाएँ बदहाल, एक्सपायर्ड दवाइयाँ बरामद

निरीक्षण में पाया गया कि विद्यालय का स्वास्थ्य कक्ष (हेल्थ रूम) स्टोर रूम में तब्दील कर दिया गया है। वहां कई दवाइयाँ रखी थीं, जिनमें से अधिकांश एक्सपायर्ड थीं और उन पर फफूंद लगी हुई थी। यह गंभीर लापरवाही बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ के बराबर है।

आउटसोर्स की गई नर्स भी अपने कर्तव्यों में उदासीन पाई गई। एसडीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और तत्काल सुधार के निर्देश दिए।


भोजन व्यवस्था में भारी अनियमितताएँ

निरीक्षण के दौरान छात्रों ने भोजन संबंधी शिकायतें खुलकर सामने रखीं। छात्रों ने बताया कि मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं बनाया जाता। ज्यादातर बार आलू की सब्जी और खराब सोयाबड़ी परोसी जाती है। कई बार भोजन में इल्ली तक निकल आती है।

छात्रावासों के स्टोर रूम में भी गड़बड़ियां मिलीं। वहाँ खराब पैकेट वाले नमकीन और पुराना जंक फूड रखा हुआ था। चार से पाँच किलो भोजन रोजाना बर्बाद होने की भी पुष्टि हुई। यह न केवल आर्थिक नुकसान है, बल्कि छात्रों के पोषण और स्वास्थ्य के साथ मज़ाक भी है।


बुनियादी सुविधाएँ भी बदहाल

निरीक्षण में यह भी सामने आया कि छात्रावास और विद्यालय की कई बुनियादी सुविधाएँ खराब पड़ी हैं। वाटर कूलर और प्यूरीफायर लंबे समय से बंद पड़े थे, जिससे छात्रों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है। अग्निशमन यंत्र खाली पाए गए और आपात स्थिति में उनका उपयोग संभव नहीं था।

इसके अलावा, रटोर रूम (कंप्यूटर/प्रशिक्षण कक्ष) बंद मिले। इससे छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियाँ प्रभावित हो रही हैं।


प्रशासन और प्रबंधन की लापरवाही उजागर

निरीक्षण में प्राचार्य और शिक्षक पढ़ाते हुए जरूर मिले, लेकिन छात्रावास अधीक्षकों और विद्यालय प्रशासन की भारी लापरवाही उजागर हुई। छात्रों के स्वास्थ्य, भोजन और सुरक्षा को लेकर प्रबंधन की गंभीर उदासीनता सामने आई।

एसडीएम अभिजीत सिंह ने मौके पर ही प्राचार्य और अधीक्षकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और तत्काल सुधार करने के आदेश जारी किए। पूरी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को भेज दी गई है।


पालकों को गुमराह करता है प्रबंधन

निरीक्षण के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि जब पालक अपने बच्चों की स्थिति देखने आते हैं तो प्राचार्य और शिक्षक उन्हें गुमराह करते हैं। वास्तविक स्थिति छिपाई जाती है ताकि अव्यवस्था उजागर न हो।

विद्यालय प्रबंधन कार्यक्रमों में गांव के सरपंच, जनप्रतिनिधियों और मीडिया को आमंत्रित नहीं करता। इससे यह साफ हो गया कि प्रबंधन जानबूझकर अव्यवस्थाओं को छिपाकर मनमानी कर रहा है।


सुधार के निर्देश, कार्रवाई की संभावना

औचक निरीक्षण के बाद एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि छात्रों के स्वास्थ्य और शिक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर विद्यालय प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की संभावना है।


निष्कर्ष

एकलव्य विद्यालय का औचक निरीक्षण यह उजागर करता है कि करोड़ों की सरकारी योजनाओं और संसाधनों के बावजूद छात्रावासों में बच्चों को बुनियादी सुविधाएँ तक नहीं मिल पा रही हैं। खराब भोजन, गंदे शौचालय, मच्छरों का आतंक और एक्सपायर्ड दवाइयाँ शिक्षा और स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े करती हैं।

जिला ब्यूरो – देवीनाथ लोखंडे की रिपोर्ट

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