धर्म नगरी खरसिया में उमड़ा भक्ति का महासागर
हरिओम कीर्तन महिला मंडली की संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का भव्य शुभारंभ
वृंदावन से दीक्षित पं. ईश्वर शर्मा के मुख से बह रही भागवत गंगा
खरसिया/रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
धर्म, भक्ति और आध्यात्मिक चेतना की त्रिवेणी से सराबोर धर्म नगरी खरसिया में हरिओम कीर्तन महिला मंडली द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का भव्य एवं भावपूर्ण शुभारंभ हो गया है। यह दिव्य आयोजन 25 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 2:00 बजे से सायं 6:30 बजे तक गंज पीछे, खरसिया में आयोजित किया जा रहा है।
कथा महोत्सव के पूर्व 24 दिसंबर, बुधवार को श्री गायत्री शक्तिपीठ से भव्य मंगल कलश यात्रा निकाली गई। सिर पर कलश धारण किए श्रद्धालु महिलाएं, भजन-कीर्तन करते भक्तजन और जयकारों से गूंजता नगर—इस यात्रा ने पूरे खरसिया को भक्तिरस में डुबो दिया। नगरवासियों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर कलश यात्रा का स्वागत किया।
वृंदावन की दीक्षा, खरसिया की धरती पर भागवत अमृत
इस सात दिवसीय अनुष्ठान में श्रीधाम वृंदावन से दीक्षा प्राप्त, गुरु श्री शिव प्रसाद उपाध्याय के शिष्य आचार्य पंडित ईश्वर शर्मा के मुखारविंद से श्रीमद्भागवत कथा की पावन सरिता प्रवाहित हो रही है। अपने सुमधुर, ओजस्वी एवं भावपूर्ण वाणी से पं. ईश्वर शर्मा श्रोताओं को भक्ति, ज्ञान और वैराग्य की अनुभूति करा रहे हैं।
विशेष बात यह है कि श्याम बाबा के भजनों के लिए सुप्रसिद्ध पंडित ईश्वर शर्मा ने अपने जन्मस्थल खरसिया (गंज पीछे) में पहली बार श्रीमद्भागवत कथा का वाचन कर भागवत कथा क्षेत्र में आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ किया है, जिससे नगरवासियों में विशेष उत्साह और गर्व का वातावरण है।
प्रथम दिवस ही श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध
कथा के प्रथम दिवस व्यासपीठ पर विराजित पं. ईश्वर शर्मा ने संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का भावपूर्ण शुभारंभ किया। कथा के साथ प्रस्तुत मधुर भजनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरा पांडाल भक्ति रस में सराबोर हो उठा और श्रोतागण झूमते-गाते नजर आए।
प्रथम दिवस खरसिया नगर के प्रथम नागरिक कमल गर्ग ने कथा श्रवण कर व्यासपीठ से आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके साथ गंज पीछे मोहल्ला, खरसिया नगर एवं आसपास के अंचल से बड़ी संख्या में श्रद्धालु भागवत प्रेमियों ने कथा में सहभागिता कर पुण्य लाभ अर्जित किया।
श्रद्धा और समर्पण से जुटी महिला मंडली
इस पावन आयोजन को लेकर हरिओम कीर्तन महिला मंडली की सभी सदस्याएं अत्यंत श्रद्धा, समर्पण और उत्साह के साथ कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में जुटी हुई हैं। मंडली की सक्रिय भूमिका ने आयोजन को अनुशासित, सुचारु और भक्तिमय स्वरूप प्रदान किया है।
महिला मंडली के सदस्यों ने नगर व अंचलवासियों से अधिक से अधिक संख्या में कथा श्रवण हेतु पधारने की अपील की है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा न केवल जीवन को दिशा देती है, बल्कि इससे सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं, पितरों का उद्धार होता है और मानव जीवन सार्थक बनता है।
भक्ति, संस्कार और समाज का संगम
हरिओम कीर्तन महिला मंडली द्वारा आयोजित यह संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक चेतना और सामाजिक समरसता का जीवंत उदाहरण बन गई है। खरसिया नगरी में बह रही यह भागवत गंगा निश्चय ही श्रद्धालुओं के जीवन में शांति, सद्भाव और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेगी।

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