लखीमपुर खीरी। पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। मामला कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला हिदायतनगर का है, जहां पत्रकार माशूक अली के बेटे इमरान अली पर दबंगों ने जानलेवा हमला किया। गंभीर रूप से घायल इमरान को सिर पर 12 टांके आए, लेकिन पुलिस ने इस मामले को हल्के में लेते हुए सिर्फ धारा 151 के तहत मामूली चालान भेजकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
इस घटना के बाद पत्रकारों में भारी आक्रोश है। राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद फाउंडेशन के बैनर तले पत्रकारों ने एकजुट होकर डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी संकल्प शर्मा को ज्ञापन सौंपा और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
दबंगों की धमकी से दहशत में परिवार
पीड़ित परिवार ने बताया कि हमलावर अब भी खुलेआम घूम रहे हैं और दोबारा जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। परिवार डरा-सहमा हुआ है और उन्हें न्याय की आस है।
प्रशासन का क्या है रुख?
ज्ञापन सौंपे जाने के बाद डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी संकल्प शर्मा ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
पत्रकारों की एकजुटता और कड़ा संदेश
इस ज्ञापन को देने के लिए राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद फाउंडेशन के कई पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे, जिनमें जिलाध्यक्ष अब्दुल कवी, महासचिव राकेश कुमार मौर्य, अमित मौर्य, संरक्षक आमिर रजा पम्मी, उपाध्यक्ष सलीम खां, मुनेंद्र पाल वर्मा, विशाल भारद्वाज, मनोज मिश्रा, मुजीबुर्रहमान खां, अमित मिश्रा, गोपाल कृष्ण अवस्थी, विधिक सलाहकार राहुल सिंह, राजू शुक्ला, साबिर महेवागंज प्रभारी, सईद अंसारी, अंशुमान सिंह, रमेश मौर्य, पवन कुमार गुप्ता, श्याम पांडे, विशाल गोस्वामी समेत कई वरिष्ठ पत्रकार शामिल थे।
क्या मिलेगा न्याय?
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाएगा? या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा? पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द न्याय न मिला तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
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