जालौन में “नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल” योजना पर समीक्षा बैठक, तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर ज़ोर
✍️ ब्यूरो चीफ – ज्ञानेंद्र कुमार, ब्यूरो चीफ, जालौन
जालौन।
जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में “नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल (ऑयलसीड्स)” योजना से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु दिशा-निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है और इसके लिए टीमवर्क, समर्पण और पारदर्शिता के साथ कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को सामंजस्य बनाकर लक्ष्य प्राप्ति पर काम करने के निर्देश दिए।
योजना का उद्देश्य व स्वरूप
उप कृषि निदेशक एस.के. उत्तम ने बताया कि यह मिशन भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2025 से 2030-31 तक के लिए स्वीकृत किया गया है। मिशन का उद्देश्य भारत को खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता से मुक्ति दिलाना और किसानों को तिलहनी फसलों जैसे तिल, मूंगफली, सोयाबीन, राई-सरसों और अलसी के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रमुख बिंदु और कार्ययोजना:
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जिले में 30 तिल फसल कलस्टर बनाए गए हैं।
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सोयाबीन के लिए 700 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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प्रत्येक कलस्टर एवं ब्लॉक में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य किया गया है, ताकि फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
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किसानों को उन्नत बीज, तकनीकी सहायता और बाज़ार तक सीधी पहुंच प्रदान करने की कार्ययोजना बनाई गई है।
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कलस्टर डेमोन्स्ट्रेशन (प्रदर्शन) के माध्यम से किसानों को नई तकनीकों से रूबरू कराया जाएगा।
बैठक में मौजूद प्रमुख अधिकारी:
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के.के. सिंह, उप कृषि निदेशक एस.के. उत्तम, डीएचओ प्रशांत निरंजन सहित विभिन्न विभागों के अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
“नेशनल मिशन ऑन एडिबिल ऑयल” योजना न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगी।
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