प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर जन्मीं बेटियों को मिला चांदी का लॉकेट
बैतूल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को जिले में अनोखे अंदाज में मनाया गया। जिला अस्पताल में उस दिन जन्म लेने वाली 11 बेटियों और उनकी माताओं को चांदी का लॉकेट एवं बुके भेंटकर सम्मानित किया गया। इस विशेष आयोजन ने न केवल माताओं के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी बल्कि अस्पताल परिसर को भी उत्सवमय बना दिया।
इस अभिनव पहल का आयोजन ताप्ती आनंद क्लब और मां शारदा सहायता समिति बैतूल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। संस्थाओं ने बेटियों को दुर्गा का प्रतीक मानते हुए उन्हें चांदी के लॉकेट भेंट किए और माताओं का सम्मान किया। आयोजन के दौरान समिति और क्लब के पदाधिकारियों ने कहा कि यह प्रयास समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने और उन्हें सम्मान देने की दिशा में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण कदम है।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ से जुड़ी पहल
आयोजन के आनंदक शैलेंद्र बिहारिया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान का मूल उद्देश्य बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदलना और उन्हें शिक्षा व अवसरों के माध्यम से सशक्त बनाना था। उसी सोच को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर यह विशेष आयोजन किया गया ताकि लोगों में संदेश जाए कि बेटियों का जन्म किसी उत्सव से कम नहीं है।
उन्होंने बताया कि देश की बढ़ती जनसंख्या के बावजूद बालिकाओं का अनुपात घटता जा रहा है। 2001 की जनगणना में हर हजार लड़कों पर 927 लड़कियां दर्ज थीं, जबकि 2011 में यह संख्या 943 पर पहुंची। यूनिसेफ की रिपोर्ट में भी भारत का बाल लिंग अनुपात चिंताजनक बताया गया है। बिहारिया ने कहा कि यह अंतर तभी कम हो सकता है जब बेटियों के जन्म पर परिवार और समाज गर्व महसूस करे। इसी सोच को बल देने के लिए “बेटी बधाई योजना” जैसी पहलें चलाई जा रही हैं।
माताओं का सम्मान और खुशियों का माहौल
कार्यक्रम में जिला संयोजक संजय शुक्ला, सुदामा सूर्यवंशी, समिति अध्यक्ष पिंकी भाटिया, कार्यकारी अध्यक्ष हिमांशु सोनी, महिला अध्यक्ष श्रीमती हेमासिंह चौहान, कार्यक्रम प्रमुख निमिष मालवीय, दीप मालवीय, डॉ. सागर बिंझाड़े, प्रकाश बंजारे, मनोज तिवारी, सुनील पाल और संतोष ओंकार उपस्थित रहे। सभी ने बालिकाओं को चुनरी उड़ाकर और माताओं को बुके व चांदी का लॉकेट भेंटकर सम्मानित किया।
सुदामा सूर्यवंशी और निमिष मालवीय ने बताया कि यह आयोजन उन अवसरों पर किया जाता है, जब किसी विशेष दिन पर बेटियों का जन्म होता है। उनका मानना है कि ऐसे प्रयास समाज में बेटियों को लेकर व्याप्त नकारात्मक मानसिकता को बदलने में मददगार होंगे। वहीं, संजय शुक्ला और हिमांशु सोनी ने कहा कि आज भी कई परिवार बेटियों के जन्म पर उदास हो जाते हैं, जबकि यह पल गर्व और खुशी का होना चाहिए। इस पहल का उद्देश्य उसी सोच को बदलना है।
11 माताओं को मिला गौरवपूर्ण सम्मान
जिन माताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर बेटियों को जन्म दिया, उनमें सरिता पति पवन, सोनम पति महेश पड़ारु, फूलवंती पति कमल दमजीपुरा, काजल संजू भड़ूस, अंजलि प्रकाश जामठी, शिवानी अनिल बारहवीं, अनीता अशोक पट्टन, दीपाली धनराज सूरगांव, ज्योति गुलाब, अनीता दिलीप और शिवानी नरेंद्र शामिल रहीं।
इन सभी माताओं ने कहा कि उन्हें बेटी के जन्म पर ऐसा सम्मान पहली बार मिला है। इस सम्मान ने उनके गर्व और खुशी को दोगुना कर दिया है। माताओं का कहना था कि आमतौर पर बेटियों के जन्म पर परिवारजनों का व्यवहार निराशाजनक होता है, लेकिन इस पहल ने साबित कर दिया कि बेटियां वास्तव में घर-परिवार की खुशियों का आधार हैं।
समाज के लिए प्रेरणा
आयोजन ने जिला अस्पताल में मौजूद हर व्यक्ति को प्रभावित किया। वहां मौजूद लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए ऐसे छोटे-छोटे प्रयास बेहद जरूरी हैं। बेटियों के जन्म पर खुशी मनाना ही असली न्यू इंडिया की सोच है, जो समानता और सशक्तिकरण की राह दिखाता है।
यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण बना कि यदि समाज और संगठन मिलकर पहल करें तो बेटियों को सम्मान और बराबरी का स्थान दिलाया जा सकता है। प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर बेटियों को दिया गया यह उपहार भविष्य में भी समाज को प्रेरित करेगा।
– बैतूल जिला ब्यूरो, देवीनाथ लोखंडे

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