नित्य पूजा (हर दिन की पूजा) भारतीय परंपरा और आध्यात्मिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पूजा दिन की शुरुआत में की जाती है और इसमें भगवान की आराधना, ध्यान और आभार व्यक्त करना शामिल होता है। नीचे सरल चरणों में बताया गया है कि नित्य पूजा कैसे करें:
1. सुबह स्नान और स्वच्छता
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- स्वच्छता पूजा में शुद्धता का प्रतीक है, इसलिए इसे प्राथमिकता दें।
- पूजा से पहले मन और शरीर को शांत करें।
2. पूजा स्थान की तैयारी
- पूजा के लिए घर का एक स्वच्छ स्थान चुनें।
- पूजा स्थल को साफ करें और भगवान की मूर्ति, फोटो या शिवलिंग को साफ कपड़े से पोंछ लें।
- दीपक, अगरबत्ती, फूल, चंदन, अक्षत (चावल), और जल आदि तैयार रखें।
3. दीप प्रज्वलित करें
- दीपक जलाकर पूजा आरंभ करें।
- भगवान के सामने दीपक और अगरबत्ती रखें।
- दीप जलाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
4. आसन ग्रहण करें
- भगवान के सामने सुखासन (क्रॉस-लेग पोज़) में बैठें।
- अपनी आंखें बंद करें और मन को शांत करें।
5. भगवान का आह्वान (ध्यान)
- भगवान का ध्यान करते हुए मंत्र या “ॐ” का उच्चारण करें।
- आप “ॐ नमः शिवाय,” “ॐ विष्णवे नमः,” या अपनी श्रद्धा अनुसार मंत्र जप सकते हैं।
- भगवान से प्रार्थना करें कि वे आपकी पूजा स्वीकार करें।
6. जल अर्पण करें
- तांबे के लोटे में पानी लेकर भगवान पर चढ़ाएं।
- इसे “अभिषेक” कहा जाता है।
- जल अर्पित करते समय मंत्र बोलें या “ॐ गंगायै नमः” का उच्चारण करें।
7. प्रसाद और नैवेद्य चढ़ाएं
- भगवान को फल, मिठाई, या अन्य नैवेद्य अर्पित करें।
- भगवान को आभार व्यक्त करें कि उन्होंने आपको भोजन और भोग का अवसर दिया।
8. पुष्प और चंदन अर्पित करें
- भगवान की मूर्ति पर फूल और चंदन लगाएं।
- हर फूल चढ़ाने के साथ भगवान के नाम का जप करें।
9. आरती करें
- दीपक लेकर भगवान की आरती करें।
- आरती के समय शंख बजाएं और “ॐ जय जगदीश हरे,” “आरती कुंजबिहारी की,” या किसी अन्य आरती का गान करें।
10. मंत्र जप और ध्यान
- कुछ समय तक भगवान का नाम जपें या ध्यान करें।
- ध्यान के लिए “ॐ” का उच्चारण करते हुए गहरी सांस लें।
11. आशीर्वाद लें
- पूजा के बाद भगवान के चरणों में सिर झुकाएं।
- भगवान से आशीर्वाद मांगें।
12. प्रसाद ग्रहण करें और बांटें
- पूजा के बाद भगवान को चढ़ाया गया प्रसाद ग्रहण करें।
- इसे परिवार के अन्य सदस्यों में भी बांटें।
नित्य पूजा में विशेष बातों का ध्यान रखें
- समय: कोशिश करें कि पूजा सुबह 5:00-8:00 बजे के बीच हो।
- श्रद्धा और एकाग्रता: पूजा में मन और दिल से भगवान का ध्यान करें।
- मंत्र: अपनी पसंद और परंपरा के अनुसार मंत्र चुनें।
- सरलता: पूजा को जटिल न बनाएं। सरल पूजा भी ईश्वर को प्रिय है।
- पवित्रता: शुद्ध मन और शरीर से पूजा करें।
आसान मंत्र (शुरुआती लोगों के लिए):
- गणेश मंत्र: “ॐ गण गणपतये नमः।”
- शिव मंत्र: “ॐ नमः शिवाय।”
- विष्णु मंत्र: “ॐ विष्णवे नमः।”
- गायत्री मंत्र:
“ॐ भूर्भुवः स्वः।तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।धियो यो नः प्रचोदयात्।”
नित्य पूजा को नियमित रूप से करने से घर में शांति, सकारात्मकता और सुख-समृद्धि का वास होता है।
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